मिल-बाँट कर..-2
प्रेषक : सुशील कुमार शर्मा झंडाराम अभी तक अलमारी की आड़ में छुपा सब कुछ बड़े ध्यान से देख रहा था और सोच रहा था कि कब ठन्डे अपना काम ख़त्म करे और फिर उसकी बारी आये। उसे ठन्डे पर अब क्रोध आने लगा था कि वह क्यों फ़ालतू की बातों में इतना वक्त बर्बाद […]