मैं फिर से चुदी-3
मैंने अपनी चूत से खड़े खड़े ही पेशाब की धार छोड़ी, मुकेश मेरे सामने खड़ा रह कर मेरी जांघों से बह कर मेरे पेशाब की धार को देख रहा था.
मैंने अपनी चूत से खड़े खड़े ही पेशाब की धार छोड़ी, मुकेश मेरे सामने खड़ा रह कर मेरी जांघों से बह कर मेरे पेशाब की धार को देख रहा था.
वो मुझ पर चढ़ गया और मेरे निप्पल को अपने मुँह में ले चूसने लगा. असर चूत पर होने लगा. चूत गीली होने लगी, मुझे लगा कि मेरी चूत इतनी जल्दी हथियार क्या डाल देती है.
जब तक किसी लड़की की चुदाई नहीं होती, तब तक तो कोई बात नहीं, लेकिन लौड़ा खाने के बाद तो चूत हमेशा चाहती है कि कोई न कोई लौड़ा हमेशा उसमें घुसा रहे.
जीजू का लौड़ा चूत को फाड़ने पर उतारू था, मैंने जीजू से कहा- तुमने न जाने कितनों की बहनों को चोदा होगा ! कभी अपनी बहन चिंकी की भी चुदाई की है या नहीं?
जीजू ने ढेर सारी क्रीम मेरी गांड में लगाई और लंड एक झटके से घुसेड़ दिया। मैं दर्द के मारे जोर से चिल्लाई- मर गई बहनचोद ! जल्दी वापस निकाल ! ओ भाडू ! ओ जीजा ! तेरी बहन की गांड में सौ लौड़े घुसें !
प्रेषक : रिंकू गुप्ता प्रिय पाठको, आप सबने मेरी पहली कहानी को काफी पसंद किया इसके लिए आप सबको मेरा शुक्रिया। जैसा कि आप सबने पहली कहानी में पढ़ा कि भाभी को मैंने खूब चोदा कुछ दिनों तक। उसके बाद उनकी सहेली की भी सील तोड़ी। आइये बताता हूँ वो कैसे चुदी मुझसे ! मैं […]