मेरी पहली चुदाई प्रीति के साथ
वो मेरे कपड़े उतार कर मेरे बराबर में लेट गई और मेरे लण्ड को छुआ और बोली- हाय! तुम्हारा लंड तो बहुत बड़ा है? आज सही मायने में मेरी चूत की प्यास बुझेगी!
वो मेरे कपड़े उतार कर मेरे बराबर में लेट गई और मेरे लण्ड को छुआ और बोली- हाय! तुम्हारा लंड तो बहुत बड़ा है? आज सही मायने में मेरी चूत की प्यास बुझेगी!
प्रेषिका : दिव्या डिकोस्टा भाभी अपने एक एक अंग को मेरे शरीर के ऊपर दबा रही थी, सिसक रही थी… चुम्बनों से मेरा मुख गीला कर दिया था। लण्ड मेरा फ़ूलता ही जा रहा था। लग रहा कि बस भाभी की चिकनी चूत को मार ही दूँ। भाभी के हाथ जैसे कुछ ढूंढ रहे थे… […]
प्रेषिका : दिव्या डिकोस्टा श्री मनोहर सिंह मेहता के द्वारा भेजी गई कहानी को मैं आपके समक्ष प्रस्तुत कर रही हूँ। मुझे कुछ कुछ ऐसा प्रतीत होता है कि जिन घरों में भाभियां होती हैं, तो साथ रहने वाले देवर के मन में कभी ना कभी तो पाप जाग ही जाता है और नतीजन भाभियाँ […]
लेखक : माइक डिसूज़ा प्यारे दोस्तो, अब तक आपने शिल्पा के साथ ट्रेन में चुदाई के बारे में पढ़ा। आपने यह भी पढ़ा कि कैसे उसनी पहली बार अपने अंकल से अपनी चुदाई और फिर अपने नौकर और उसके दोस्तों के साथ चुदाई के किस्से मुझे सुनाये। अब आगे क्या हुआ मैं आपको ये बताता […]
दोस्तों मेरा नाम रॉकी है, दिल्ली का रहने वाला हूँ। मैं आपके सामने एक घटना बताने जा रहा हूँ जो मेरे साथ घटी है, यह सब मुझसे गलती से हुआ था। मेरे पड़ोस में एक परिवार रहता था, जिसमें दो लड़कियाँ और एक लड़का था। दोनों लड़कियाँ लड़के से बड़ी थी, बड़ी वाली का नाम […]
लेखक : सनी मेरी एक एक कहानी को दिल से पसंद करके मुझे अपना अपना प्यार खुले दिल से दिया, और दोगे हर कोई मुझे कह रहा है कि गांडू अपनी चुदाई ज़रा जल्दी जल्दी भेजा कर ! अब कब भेजेगा ? अब आगे बढ़ते हुए गुरु जी और सभी पाठकों को बहुत बहुत प्यार […]
राधिका ने अजय को अपने नीचे दबा लिया,"मादरचोद मेरी गाण्ड का तो तूने हलवा बना दिया, अब देख साले ! तैयार हो जा... मेरी चूत में कितना दम है तू ही देख ले !"
प्रेषक : संजय शर्मा प्रिय पाठको संजय शर्मा का एक बार फिर से नमस्कार ! मेरी कहानी “दूसरी से कर लेना” के दो भाग अन्तर्वासना पर प्रकाशित हो चुके हैं। पहले अंश में मैंने लिखा था कि किस तरह मैंने और भैया ने अपनी दोनों दीदियों को चोदा था और काफी मजे किये। दूसरे अंश […]
सप्तम भाग से आगे : ओह.. तो यह बात है… रश्मि। यही तो मैं सोच रहा था कि तुम्हारे जैसी बला की खूबसूरत लड़की इतनी आसानी से कैसे तैयार हो गई। खैर मैंने रश्मि से कहा- चलो, आज मैं तुम्हारी अतृप्त वासना की इच्छा पूरी करता हूँ। यह सब कहते हुये उसने मेरा लंड छोड़ा […]
छटे भाग से आगे : सुबह मम्मी ने हम लोगों को करीब नौ बजे जगाया। हम लोग हड़बड़ा कर उठे और अपने अपने कपड़े को खोजने लगे। हम लोगों की हालत देख कर मम्मी बड़ी प्रसन्ता से बोली- मैं तुम लोगों के लिए चाय नाश्ता बना रही हूँ, फ्रेश हो कर डाइनिंग टेबल पर आ […]
प्रेषक : मुन्ना लाल गुप्ता पंचम भाग से आगे : जब मैं टॉयलेट से लौट रही थी तो मैंने सोचा कि मम्मी के बेडरूम में झांक कर देखा जाए कि यहाँ क्या चल रहा है ! मैंने देखा कि फूफा जी मम्मी को कुतिया की तरह बहुत तेजी से चोद रहे थे और मुँह से […]
प्रेषक : मुन्ना लाल गुप्ता चतुर्थ भाग से आगे : लंच के बाद विशाल भैया अपने किसी दोस्त से मिलने चले गए और मैं मम्मी के साथ घर के काम में लग गई। शाम को विशाल भैया अपने दोस्त प्रदीप के साथ आये जो यहीं लखनऊ में रहते थे। वह भी बीबीडी से बी टेक […]
प्रेषक : मुन्ना लाल गुप्ता तृतीय भाग से आगे : अगले दिन रविवार था। सभी लोग जल्दी ही उठ गए थे क्योंकि विशाल भैया लखनऊ मेल से सुबह आठ बजे ही आ गये थे। हम लोग विशाल भैया से कोई एक साल के बाद मिल रहे थे। विशाल भैया को मेरे इलाज के बारे में […]
प्रेषक : मुन्ना लाल गुप्ता द्वीतीय भाग से आगे : अब मम्मी के सामने यह समस्या थी कि वीर्य के लिए किससे कहे, जोकि रोज ताज़ा वीर्य मुझे पिला सके। ऐसे किसी से कह नहीं सकते, समाज का भय था। इसी चिंता में मम्मी थी कि तभी फ़ूफा जी कानपुर से आ गए। फ़ूफा जी […]
प्रेषक : मुन्ना लाल गुप्ता प्रथम भाग से आगे : रश्मि का ब्लो-जोब इतना खास था कि मेरे जैसा चोदू और अनुभवी आदमी जिसको झड़ने के लिए कम से कम 45 मिनट चाहिए, उसको रश्मि ने मात्र 15 मिनट में ही खलास कर दिया। मैं बगैर पूछे न रह सका- रश्मि डार्लिंग ! यह बताओ […]
मुन्ना लाल गुप्ता यह कहानी एक सत्य घटना पर आधारित है, लेकिन इसके सभी पात्रों के नाम काल्पनिक हैं ! आज सुबह से ही मौसम बहुत रोमान्टिक था। रिम झिम पानी बरस रहा था, मैं इस विचार में था कि आज कैसे अपने आफ़िस पहुँचूंगा। इतने में बारिश बन्द हो गई। हालांकि आफ़िस के लिये […]
'दीदी, आप तो मेरी जान हो... कहो ना!' 'मुझे गाण्ड मरवाने का बहुत शौक है... प्लीज!' 'क्या बात है दीदी... गाण्ड और आपकी... सच में मजा आ जायेगा!'
प्रेषक : गर्म चम्पू हाय दोस्तो, मेरा नाम रमेश है, मैं अन्तर्वासना की कहानियों का नियमित पाठक हूँ। मेरी एक कहानी भतीजी की चुदाई अन्तर्वासना पर पहले प्रकाशित हो चुकी है। मैंने और कहानियाँ भेजने का वादा किया था, लेकिन समय पर भेज नहीं पाया क्योंकि इसी बीच मुझे जयपुर शिफ्ट होना पड़ा, इसके लिए […]
प्रेषक : देव मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ ! मैं मैंट्रिक तक शिमला में पढ़ा हूँ ! शिमला में मेरा नानी घर है ! बात उन दिनों की है जब मैं अपने ननिहाल शिमला, कॉलेज की छुट्टियों में गया था। मेरी उम्र बीस वर्ष की थी। उन दिनों मेरे कॉलेज में तो छुट्टियाँ थी […]
प्रेषक : जो ज़ोनाज़ यह उस समय की बात है जब मैं पढ़ता था। गर्मियों के दिन थे, मैं अपनी एक कॉपी अपनी अंग्रेजी की टयूशन टीचर के घर पर भूल आया था। मैं दोपहर को दो बजे अपनी कॉपी लेने टीचर के घर गया। पहले मैं यह बता दूँ कि मेरी टीचर की उमर […]