भाई बहनों की चुदक्कड़ टोली-3
मेरी बहनों की बात सुन मुझे अपने कानों पर यकीन ही नहीं हुआ. मैं तो सोचता था कि लड़के ही चूत तड़पते हैं लेकिन मेरी बहन तो मर्दों के लौड़ों के मामले में कुछ ज्यादा ही चालू निकली.
कामुकता से भरी हुई चुदाई की कहानियां. सेक्सी औरतों के साथ कामक्रीड़ा करने की महेच्छाओं की पूर्ति और फेंटेसी.
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मेरी बहनों की बात सुन मुझे अपने कानों पर यकीन ही नहीं हुआ. मैं तो सोचता था कि लड़के ही चूत तड़पते हैं लेकिन मेरी बहन तो मर्दों के लौड़ों के मामले में कुछ ज्यादा ही चालू निकली.
मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं बनी तो मैंने फेसबुक पर जिगोलो की नकली आईडी बना ली. एक दिन महिला की फ्रेंड रिक्वेस्ट आयी। उसने बताया कि वह सेक्स की भूखी है।
मैनेजर ने मेरी चूत चुदाई के लिए जीजा को बाहर भेज दिया और मेरी चूत को चाट कर गर्म किया, फिर मुझे चोदना शुरू कर दिया. मैं भी उसके मोटे लंड से चुदकर मस्त होने लगी.
हमारे घर भाभी की चचेरी बहन आई तो हम दोनों की दोस्ती हो गयी. मैं उसे चाहने लगा था. एक बार फोन पर मैंने उससे अपने प्यार का इजहार कर दिया. तो फिर क्या हुआ?
अपनी बहन को सेक्स की गोली खिला दी क्योंकि मैं सेक्स के लिए उत्तेजित करना चाहता था. मैं छिप कर अपनी बहन की हरकत देखने लगा तो पता चला कि वह भी लंड की प्यासी है.
मेरे पड़ोस में एक चिकनी कामुक आंटी रहने आई. वो बहुत ही शरीफ लगती थी पर मैंने उसकी शराफत को नंगी करके कैसे उसकी चूत चुदाई कर डाली! मेरी कामुक कहानी में पढ़ें.
जीजा के लंड से चूत को चुदवाते हुए मेरी चुदास बहुत बढ़ गई, मेरी कामुक आवाजें ज्यादा ही तेज हो गई थीं. लॉज के मैनेजर ने मेरी सेक्सी आवाजें सुन लीं और वो भी अंदर आ घुसा.
मेरी बीवी मायके गयी हुई थी. एक दोस्त से बात हुई तो अगले दिन उसने एक कामुक भाभी का जुगाड़ कर लिया. उसे हम घर ले आये. घर में उस सेक्सी भाभी की डबल चुदाई की.
मेरी भाभी भैया से खुश नहीं थी. भाभी से मैंने पूछा तो उन्होंने अपना दर्द बयां किया. तब मैंने भाभी की चूत को चोद कर उनको खोई हुई खुशी वापस की. कहानी में पढ़ कर मजा लें.
मैं मामा के घर गया तो मामी को देख चौंक गया. वे एकदम सेक्स बम्ब लग रही थीं. मेरी नियत बिगड़ गयी लेकिन अपने पर काबू किया. फिर मेरी बात कैसे बनी?
रंडियों की चूत मार कर मैं बोर हो चुका था. मैंने अपने दोस्त से मदद मांगी मगर कोई लाभ नहीं! लेकिन किस्मत मुझ पर ज्यादा ही मेहरबान थी. आपके लिए मेरी कामुक आपबीती!
मेरी बिल्डिंग में रहने वाली भाभी का दिल मुझ पर आ गया था. हम दोनों के बीच चुदाई छोड़ कर सब कुछ होने भी लगा था. बस अब चुदाई की आग बुझाने का इन्तजार था.
मेरी हालात तो जैसे किसी रंडी जैसी हो गयी थी. मैंने भाई को पूरी तरह से खुद को समर्पित कर दिया था. उसे जो मन करे, वो मेरे साथ कर रहा था. मैं उसकी गुलाम थी.
कामवासना के चलते मैंने अपने स्कूल के एक बांके जवान लड़के को पटा कर अपनी चूत मरवा ली. लेकिन अब वो मेरी गांड मारना चाहता था. तो मैंने क्या किया?
पड़ोसन के घर उसकी भतीजी रहने आई हुई थी. मेरे बार बार कहने पर वो अपनी भतीजी को मेरे पास भेजने को राजी हो गई. तो क्या वो लड़की आई और मैं कुछ कर पाया?
मैं मामा की बेटी की शादी में गयी तो वहां मौसी की बेटी और बेटा मिले. वे दोनों मेरे हमउम्र थे. मैंने उन दोनों को किस हालत में देखा? और मैंने तब क्या किया?
नम्रता पलंग पर पेटकर बल लेट गयी, टांगें फैला कर दोनों हाथों से कूल्हे को पकड़ कर फैला कर बोली- शरद आ जाओ, मैंने गांड खोल दी है.. इसकी खुजली मिटाओ.
भरी सर्दी में शाम के समय जयपुर हाईवे पर मेरी कार खराब हो गयी और एक मकैनिक के साथ उसके गेराज में चली गयी. कार ठीक करते करते वहाँ और क्या हुआ?
आज तक सिर्फ पॉर्न मूवी में देखा था, पर अब उस पल को महसूस कर रही थी. मेरी मुलायम गोरी जाँघों और चूतड़ों को उसने चूसा चाटा और धीरे से काटा, उसने मेरी गांड को भी सूंघा.
मैं गर्मी की छुट्टियों में अपने मामी के घर गया हुआ था. मामी के ऑफिस जाने के बाद मैं मामी की दो बेटियों के साथ खूब खेलता था. खेल-खेल में मैंने मामी की बेटी की चूत कैसे चोद दी!