मेरी बीवी मायके गयी हुई थी. एक दोस्त से बात हुई तो अगले दिन उसने एक कामुक भाभी का जुगाड़ कर लिया. उसे हम घर ले आये. घर में उस सेक्सी भाभी की डबल चुदाई की.
मैं स्कूल में टीचर था. एक लड़की मेरी तरफ आकर्षित हो गयी मगर मैं उसकी एक सहेली पर मर मिटा था. दोनों में से किसको मेरा लंड नसीब हुआ और मुझे किसकी चूत मिली?
मैंने दरवाजा खोला. अधेड़ उम्र का आदमी था, मैंने बस टॉवल लपेटा हुआ था जो मेरे मम्मों के निपल्स को छुपा पा रहा था. मेरे चूतड़ भी आधे नंगे थे, बाकी पूरा जिस्म नंगा था.
मेरी भाभी भैया से खुश नहीं थी. भाभी से मैंने पूछा तो उन्होंने अपना दर्द बयां किया. तब मैंने भाभी की चूत को चोद कर उनको खोई हुई खुशी वापस की. कहानी में पढ़ कर मजा लें.
मैं अपने मामा के घर रह कर पढ़ाई कर रही थी. एक दिन मैंने मामा के बेटे के कमरे से सिसकारियों की आवाज सुनी. मैंने कभी ब्लू फिल्म नहीं देखी थी लेकिन मुझे पता था कि ...
मेरे फौजी पति मेरी चूत की खूब चुदाई करते थे. एक बार दीदी बीमार हो गई, मुझे उसके घर जाना पड़ा. वहां मेरी चूत की प्यास के साथ ही जीजा के साथ की वो पुरानी यादें ताजा हो गईं ...
आजकल मैं बहुत जल्दी उत्तेजित हो जाती थी. भाई के जिक्र मात्र से मेरी चुत पानी छोड़ने लगती. मैं बस दिन रात उससे चुदना चाहती थी. वो चाहता तो मुझे अभी भी चोद सकता था.
नम्रता के गोल, उभारदार गोरे चूतड़ सामने आ गए. उसकी गांड भी उसकी चूची की तरह गोल आकार की थी. मेरा मन बेकाबू हो गया, मैं पलंग से नीचे उतरकर उसके पास पहुंचा और ...
रंडियों की चूत मार कर मैं बोर हो चुका था. मैंने अपने दोस्त से मदद मांगी मगर कोई लाभ नहीं! लेकिन किस्मत मुझ पर ज्यादा ही मेहरबान थी. आपके लिए मेरी कामुक आपबीती!
मेरी हालात तो जैसे किसी रंडी जैसी हो गयी थी. मैंने भाई को पूरी तरह से खुद को समर्पित कर दिया था. उसे जो मन करे, वो मेरे साथ कर रहा था. मैं उसकी गुलाम थी.
बेरोजगारी का मारा मैं मजदूरों के साथ खड़ा था कि एक औरत मुझे अपनी गाड़ी में बैठा कर अपने घर ले गयी. वहां उसने मुझसे क्या काम करवाया? उसने मुझे अपनी वासना का शिकार बनाया.
अपनी कक्षा की एक खूबसूरत लड़की को पसंद करने लगा लेकिन वो भाव नहीं देती थी. मैंने अपना दिमाग लगाकर उसको पटाया. दोस्ती में हमने कितने मजे लिये, मेरी इस कहानी में पढ़ें.
मेरी अपार्टमेंट बिल्डिंग में एक भाभी मुझे तिरछी नजर से देखती थी. एक दिन मैं मुस्कुरा दिया तो वो भी मुस्कुरा दी. बात आगे कैसे बढ़ी? पढ़ें इस भाभी सेक्स कहानी में!
मैंने अपनी तरकीब लगा कर अपनी मौसेरी बहन को उसी के सगे भाई से चुदवा दिया था लेकिन उन दोनों की चुदाई देख मेरा मन भी भाई से चुदने को करने लगा. तो मैंने क्या किया?
अपने भाई की ये अदा मुझे बड़ी पसंद थी. वो धीरे धीरे प्यार करते करते अचानक से जंगली हो जाता था, जब मैं इसकी कामना भी नहीं कर रही होती थी. यह बात मुझे और उत्तेजित करती थी.
नम्रता आयी, उसने अपनी गीली चूत को सीधा मेरे मुँह पर रख दिया. उसकी चूत से पेशाब की गंध आ रही थी. दूसरी तरफ नम्रता ने मेरे सोये हुए लंड को मुँह में भर लिया.