मैं बारहवीं में थी, जवान हो गई थी। स्कूल के सारे जवान लड़के मुझ पर मरते थे.. लेकिन मैं किसी को भाव नहीं देती थी। एक दिन सर ने अपना हाथ मेरे कन्धे पर रख दिया।
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