प्रेम गुरु

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मधुर प्रेम मिलन-2

प्रेषिका : स्लिमसीमा ‘मधुर, क्या मैं एक बार आपके हाथों को चूम सकता हूँ?’ मेरे अधरों पर गर्वीली मुस्कान थिरक उठी। अपने प्रियतम को प्रणय-निवेदन

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मधुर प्रेम मिलन-1

वो अक्सर बाथरूम में जब नहाने के लिए अपने सारे कपड़े उतार देती है तब उसे तौलिये और साबुन की याद आती है। अभी वो बाथरूम में है और वो तौलिया ले जाना भूल गई है।

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हुई चौड़ी चने के खेत में -5

मैं चाह रही थी कि काश वक्त रुक जाए और जगन इसी तरह मुझे चोदता रहे। पर मेरे चाहने से क्या होता आखिर शरीर की भी कुछ सीमा होती है। मैंने अपनी चूत का संकोचन किया

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हुई चौड़ी चने के खेत में -4

‘अबे साले… मुफ्त की चूत मिल गई तो लालच आ गया क्या?’ मैंने अपनी गांड से उसकी उंगुली निकालने की कोशिश करते हुए कहा।

‘भौजी.. एक बार गांड मार लेने दो ना?’ उसने मेरे गालों को काट लिया।

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हुई चौड़ी चने के खेत में -3

मैंने अपनी छमिया की फांकों पर पहनी दोनों बालियों को पकड़ कर चौड़ा किया और मूतने लगी। फिच्च सीईईई…. के मधुर संगीत के साथ पतली धार दूर तक चली गई। आपको बता दूं मैं धारा प्रवाह नहीं मूतती। बीच बीच में कई बार उसे रोक कर मूतती हूँ।

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हुई चौड़ी चने के खेत में -2

मेरा मन बुरी तरह उस मोटे लंड के लिए कुनमुनाने लगा था। काश एक ही झटके में जगन अपना पूरा लंड मेरी चूत में उतार दे तो यह जिंदगी धन्य हो जाए। मेरी छमिया ने तो इस ख्याल से ही एक बार फिर पानी छोड़ दिया।

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कम्मो बदनाम हुई-2

ताऊजी ने मेरी चूत को पहले तो अपने हाथों से सहलाया और फिर अपना मुंह नीचे करके उसे सूंघा और फिर उस पर अपने होंठ टिका दिए, मेरी सिसकारी निकल गई.

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कम्मो बदनाम हुई-1

मैं पूरी 18 की हो चुकी हूँ। मेरी चूत में खुजली तो बहुत पहले से ही शुरू हो गई थी पर अब बर्दाश्त से बाहर हो गया था। हर समय चूत में चींटियाँ से रेंगती रहती थी और लगता था अंदर कोई छोटी सी मछली फड़फड़ा रही है।

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अंगूर का दाना-8

अंगूर ने अपने दोनों हाथ पीछे किये और अपने नितम्बों को पकड़ कर उन्हें चौड़ा कर दिया। आह… अब तो उसके नितम्ब फ़ैल से गए और गांड का छेद भी और खुल गया। अब जन्नत के गृह प्रवेश में चंद पल ही तो बाकी रह गए थे।

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अंगूर का दाना-7

उसकी गांड के छेद पर लगाने में लिए जैसे ही अपना हाथ बढ़ाया, वो बोली- बाबू… जरा धीरे करना… मुझे डर लग रहा है… ज्यादा दर्द तो नहीं होगा ना?’

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अंगूर का दाना-6

बापू कहाँ मानते हैं। वो तो अम्मा को अपना हथियार चूसने को भी कहते हैं पर अम्मा को घिन आती है इसलिए वो नहीं चूसती इस पर बापू को गुस्सा आ जाता है और वो उसे उल्टा करके जोर जोर से पिछले छेद में चोदने लग जाते हैं।

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अंगूर का दाना-5

मैंने एक हाथ से उसकी कमर पकड़ रखी थी और दूसरे हाथ से उसके नितम्बों को सहलाने लगा। अचानक मेरी एक अंगुली उसकी गांड के छेद से जा टकराई।

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अंगूर का दाना-4

उसकी कुंवारी बुर से आती मादक महक से मैं तो मस्त ही हो गया। उसने अपने दोनों हाथों से मेरा सिर पकड़ लिया। अब मैंने अपनी जीभ को थोड़ा सा नुकीला बनाया और उसकी फांकों के बीच में लगा कर ऊपर नीचे करने लगा।

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अंगूर का दाना-3

मैंने उसे बाजू से पकड़ कर उठाया और इस तरह अपने आप से चिपकाए हुए वाशबेसिन की ओर ले गया कि उसका कमसिन बदन मेरे साथ चिपक ही गया। मैं अपना बायाँ हाथ उसकी बगल में करते हुए उसके उरोजों तक ले आया।

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अंगूर का दाना-2

मैं उसकी तेज़ होती साँसों के साथ छाती के उठते गिरते उभार और अभिमानी चूचकों को साफ़ देख रहा था। जब कोई मनचाही दुर्लभ चीज मिलने की आश बंध जाए तो मन में उत्तेजना बहुत बढ़ जाती है।

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अंगूर का दाना-1

मैं उठकर उसके पास आ गया और उसके होंठों को अपनी अगुलियों से छुआ। आह… क्या रेशमी अहसास था। बिल्कुल गुलाबी रंगत लिए पतले पतले होंठ सूजे हुए ऐसे लग रहे थे जैसे संतरे की फांकें हों।

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जब वी मेट-1

दोस्तो ! मैं अपने मित्र सुमित को विशेष रूप से धन्यवाद कहना चाहता हूँ जिसने इस कहानी के हिंदी रूपांतरण में मेरी सहायता की। ……

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